एजन्सियो के राडार पर इंदौर का एक तथाकथित पत्रकार

उज्जैन। हनी ट्रैप कांड में  भाजपा और उसके नेताओं को लेकर जिस तरह से कीचड़ उछाली जा रही है उसे लेकर संघ और भाजपा बेहद गंभीर है। पिछले दिनों जिस तरह से संघ और भाजपा के शीर्ष नेताओं  को हनीट्रैप मामले में लिप्त बताने की कोशिशें की गई ,उसे केंद्रीय आलाकमान ने बेहद गंभीरता से लिया है। दरअसल इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के निर्देशन में एसआईटी कर रही है और मामले से जुड़े किसी भी तरह के तथ्यो को बेहद संवेदनशीलता के साथ एसआईटी गोपनीय रखे हुए हैं ।ऐसे में फिर कैसे ऑडियो या वीडियो बाहर आ रहे हैं, इसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं ।कुछ लोगों का मानना है कि हनीट्रैप की आड़ में कूट रचित वीडियो बनाकर जानबूझकर वायरल किए जा रहे हैं ताकि बीजेपी की छवि खराब की जा सके। एक स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री का  वीडियो बता कर ऐसा ही एक फर्जी वीडियो वायरल किया जा चुका है। इन सबके पीछे इंदौर के एक तथाकथित पत्रकार की भूमिका अहम बताई जा रही है ।यह पत्रकार पहले एक प्रतिष्ठित चैनल में ब्यूरो चीफ हुआ करता था जिसे उसकी हरकतों के चलते चैनल से बाहर कर दिया गया था। अनैतिक धंधे और कुछ अधिकारियों के पैसों की दम पर करोड़ों की संपत्ति जुटा  चुका यह तथाकथित पत्रकार आपराधिक पृष्ठभूमि का है। अभी हाल ही में इसने इंदौर में एक बड़े कार्यक्रम में अच्छा खासा पैसा खर्च कर खुद को स्थापित करने की भरसक कोशिश की थी मंहगी गाङियो के शौकीन इस तथाकथित पत्रकार ने इंदौर के एक कांग्रेसी नेता के माध्यम से  सरकार के एक महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री से नजदीकया बनाने की कोशिश की है। साथ ही यह राजधानी भोपाल में अपना प्रभाव स्थापित करने की असफल कोशिश में लगा है। इसने ही कांग्रेस के कुछ नेताओं से भाजपा के नेताओं को हनीट्रैप के माध्यम से बदनाम करने का षड्यंत्र रचा है। एजेंसियों को इसकी खबर लग चुकी है और अब यह तथाकथित पत्रकार एजेंसियों के निशाने पर है।