अधिकारियों ने माला पहनाई,ताली बजाकर किया सम्मान।
उज्जैन। पुलिस विभाग में वृद्ध व्यक्ति को भी जवान क्यों कहा जाता है ये जानने के लिए आपको बताते हैं। उज्जैन के नीलगंगा थाने में पदस्थ एक हेड कॉन्स्टेबल की कहानी। जो लॉक डाउन में फंस जाने के बाद अपने कर्तव्य के लिए इतने व्याकुल हुए की मुरैना से उज्जैन तक 16 दिन में 550 कि.मी. सफर करके शुक्रवार को थाने पर पहुँचे। उनके इस साहसिक कार्य के लिए थाना प्रभारी और सी एस पी ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया और तालियाँ बजाकर इनके जज़्बे का सम्मान किया।
ये 60 वर्षीय बुज़ुर्ग उज्जैन के नीलगंगा थाने में पदस्थ हेड कॉन्स्टेबल रमेश सिंह तोमर लॉक डाउन से पहले एक मृत शरीर का बिसरा जमा कराने ग्वालियर गए थे। वहां से वापस लौटने से पहले ही लॉक डाउन शुरू हो गया। जैसे-तैसे ग्वालियर से मुरैना पहुंचकर अपनी बेटी के घर पर 2 दिन रूके। उज्जैन में कर्तव्य बुला रहा था। कर्मठ तोमर ने दो दिन का खाना साथ बांधकर वह से पैदल ही उज्जैन के लिए निकल पड़े। मुरैना से उज्जैन तक का लग-भग 550 किलोमीटर का सफर उन्होंने 17 दिन में पूरा किया और आज शुक्रवार, 17 तारीख की शाम को आखिरकार उज्जैन पहुंचकर थाना नीलगंगा में आमद दी। थाने के स्टॉप ने यह पर पहुँचे रमेशसिंह तोमर की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों की दी। इस साहसिक यात्रा का पता चलने के बाद सीएसपी डा. रजनीश कश्यप और थाना प्रभारी कुलवंत जोशी, तहसीलदार मूलचंद जूनवाल, डीएसपी यातायात बाथम, इस्पेक्टर सौरभ सिंह ने सिंधी कालोनी चौहारे पर श्री तोमर को पुष्पहार पहनाकर उनका स्वागत किया।
सीएसपी कश्यप ने बताया
प्रधान आरक्षक रमेशसिंह तोमर पैद चलकर उज्जैन पहुँचने पर उनका हेल्थ चेकअप कराया गया। रिपोर्ट आने के बाद उन्हें तीन दिन के अवकाश पर रहने के पश्चात ड्यूटी पर बुला लिया जाएगा।